Of course. Here is a complete, original story in Hindi based on the theme of love and time travel, written in the style of 2025.---वक्त का सफर (The Journey of Time)2025, बेंगलुरुअवनी आँख खोलते ही उसी सन्नाटे से रूबरू हुई। फोन की स्क्रीन पर आर्यन की मुस्कुराती तस्वीर। आज उनकी पहली सालगिरह थी, एक साल उस दिन को गुजर गया था जब आर्यन की कार एक drunk driver की टक्कर में... उसने सोचा भी नहीं, उस ख्याल को दिमाग में आते ही रोक दिया। आँसू उसके गालों पर सूख चुके थे। अब तो बस एक सुनसान void था जिसमें वह जी रही थी।उसने अपने old study table का दराज खोला, जहाँ आर्यन की पुरानी चीज़ें रखी थीं। एक पुराना wristwatch, कुछ letters, और एक bizarre-looking device जो आर्यन अपने साथ हमेशा रखता था। वह एक metallic bracelet की तरह दिखता था, जिस पर छोटे-छोटे बटन और एक faintly glowing screen लगी थी। आर्यन ने कभी उसे समझाया नहीं था कि यह क्या है। बस इतना कहता था, "यह मेरा सबसे बड़ा state secret है, एवी।"उदासी में, अवनी ने उस device को हाथ में लिया और बेतरतीब बटन दबा दिए। अचानक, screen पर एक तेज़ blue light चमकी और एक mechanical आवाज़ आई, "Temporal Coordinates Set: 17 September 2020. Initiate?"अवनी की सांस थम गई। 17 सितंबर 2020? वह दिन... जब उसने आर्यन को पहली बार कॉलेज के annual tech fest में देखा था। उसकी धड़कनें तेज़ हो गईं। यह कोई मजाक तो नहीं था? उसने हाँ में 'Yes' बटन दबा दिया, शायद निराशा और जिज्ञासा के मेल से।और फिर कुछ हुआ जैसे उसकी पूरी दुनिया सिकुड़ कर एक point में बदल गई और फिर तेज़ी से फैल गई। एक चक्कर आया और जब वह संभली, तो वह अपने old college campus के बीचोंबीच खड़ी थी। हवा में मॉनसून की हल्की खुशबू थी। छात्रों की भीड़, होर्डिंग्स... और वह तारीख एक होर्डिंग पर साफ-साफ लिखी थी - "TECHNEX 2020, 17th Sept."वह सचमुच 2020 में आ गई थी।घबराहट और हैरानी के बीच, उसकी नज़र उसी दृश्य पर पड़ी जो उसकी यादों में हज़ार बार कैद था। young आर्यन, एक प्रोजेक्ट के स्टॉल पर, passionately कुछ समझा रहा था। उसकी आवाज़, उसका आत्मविश्वास, वह चमकती आँखें... अवनी की आँखों में आँसू आ गए। वह जीवित था, सांस ले रहा था, बस कुछ ही कदमों की दूरी पर।उसने खुद को सम्भाला। उस device पर एक timer चल रहा था - 2 hours:00 minutes. शायद यहाँ रहने की सीमा थी। उसने सोचा, बस देख लूँ, बस एक बार फिर उसकी आवाज़ सुन लूँ। पर फिर एक ख्याल आया... क्या वह कुछ बदल सकती थी? क्या वह उसे उस दुर्घटना से बचा सकती थी?वह आर्यन के पास गई। उसने देखा, आर्यन का प्रोजेक्ट एक primitive version of that very time-bracelet था। उसने हिम्मत जुटाई और बोली, "यह... यह temporal displacement के लिए quantum entanglement का इस्तेमाल करता है, है ना?"आर्यन हैरान होकर उसे देखने लगा। यह concept उसने किसी और के साथ शेयर नहीं किया था। "तुम...तुम्हें physics की knowledge है? तुम कौन हो?" "मैं...मैं अवनी हूँ। और हाँ, मुझे इसके बारे में पता है। तुम्हारा यह device... यह काम कर सकता है। पर इसमें एक flaw है।"आर्यन की curiosity peaked हो गई। उसने अवनी को अपने प्रोजेक्ट के बारे में detail में बताना शुरू किया। अवनी, जिसने आर्यन के notes未来 में पढ़े थे, उसकी every problem का solution दे सकती थी। दो घंटे कब बीत गए, पता ही नहीं चला। आर्यन मंत्रमुग्ध था इस लड़की की intelligence और उसके अंदाज से।Timer बीप करने लगा। अवनी को वापस जाना था। उसने जल्दी से आर्यन का number लिया और भागती हुई एक secluded corner में पहुँची। एक और blue flash, और वह वापस अपने 2025 के कमरे में थी, floor पर बैठी हुई, हाँफ रही थी।यह सपना नहीं था। उसकी मुट्ठी में आर्यन का number लिखा paper था।यहीं से शुरुआत हुई उसके impossible mission की। वह बार-बार उस device का इस्तेमाल करती, खुद को और energy देने के लिए, past में जाती। हर बार वह आर्यन से मिलती, उसके प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में उसकी help करती। धीरे-धीरे, professional relationship एक deep friendship और फिर love में बदल गई। अवनी के लिए यह bittersweet agony थी। वह उस आदमी के साथ फिर से प्यार में पड़ रही थी जिसे वह खो चुकी थी, जिसे वह बचाना चाहती थी।एक दिन, 2023 के एक meeting में, आर्यन ने उसे एक café में बुलाया। उसके चेहरे पर एक गंभीर expression था। "अवनी,तुम्हारे बारे में कुछ चीज़ें... add up नहीं होतीं। तुम हमेशा suddenly appear और disappear हो जाती हो। तुम्हें future की technology के बारे में पता होता है। तुम... कौन हो?"अवनी की सांस अटक गई। उसने सच बताने का फैसला किया। उसने पूरी कहानी कही - 2025, उनका relationship, उसकी मौत, और time device।आर्यन लंबे time तक चुप रहा। यह impossible लग रहा था, पर अवनी की आँखों का दर्द झूठ नहीं बोल रहा था। "तो...तुम future से आई हो? मेरी... wife हो?" अवनीने सिर्फ़ सिर हिलाया, आँसू छलक आए।आर्यन ने उसका हाथ थामा। "मैं तुम पर believe करता हूँ। पर तुम्हें यह बताना होगा... वह दुर्घटना कब होती है? हम उसे रोकेंगे।"अवनी ने date और location बताई। 20 November 2024, Old Airport Road, रात 11:30 बजे।20 November 2024, रात 11:15 बजेअवनी future से आ चुकी थी। आर्यन उसके साथ था। उन्होंने plan बनाया था कि आर्यन उस रास्ते से बिल्कुल नहीं गुजरेगा। वे दोनों एक rooftop café में बैठे were, nervously wait कर रहे थे कि कब time बीते और वह fatal moment pass हो जाए।11:29 बजे। आर्यन काphone बजा। वह उसका lab partner था। "आर्यन! मैंने कर दिया! मैंने final equation solve कर लिया! तुम्हें अभी आकर देखना होगा! यह urgent है!"आर्यन का चेहरा exciteमेंट से खिल उठा। वह वही equation थी जिस पर वह महीनों से काम कर रहा था। "अवनी,मैं... मैं बस जाकर देखकर आता हूँ। Lab यहीं से पास है। 10 minute लगेंगे।"अवनी की धड़कनें तेज़ हो गईं। "नहीं! बिल्कुल नहीं! आर्यन, please. वादा करो तुम यहीं रहोगे।""पर अवनी, यह..." "NO!"उसकी आवाज़ में desperation थी।आर्यन ने देखा कि वह कितना घबराई हुई है। उसने phone उठाया। "सुनो, मैं अभी आ नहीं सकता। मैं... मैं busy हूँ। कल सुबह मिलते हैं."उसने phone रख दिया। अवनी ने राहत की सांस ली। उसने watch देखी - 11:34. खतरा टल गया था। उसकी आँखों में आँसू आ गए। वह कामयाब हो गई थी।तभी, आर्यन ने पास ही parked अपनी bike की तरफ देखा और चिल्लाया, "अरे! कोई मेरी bike ले जा रहा है!"एक चोर bike start करके भागा जा रहा था। आर्यन instinctively उसके पीछे भागा। अवनी की चीख़ गले में अटक गई। "आर्यन! रुक जाओ!!"पर वह नहीं रुका। वह सड़क पार करने लगा, bike के पीछे भागते हुए। और तभी, एक speeding car... एक तेज़ धमाका...सब कुछ slow motion में हुआ। अवनी सड़क पर दौड़ी। आर्यन blood pool में लेटा हुआ था। history ने खुद को repeat किया था। fate ने अपना game खेला था।कुछ महीने बाद, 2025अवनी फिर से उसी खालीपन में थी। उसने कोशिश की थी, लेकिन वह आर्यन को नहीं बचा पाई। शायद यही उसकी किस्मत थी। उसने time device फेंकने का सोचा, पर उसमें अब power नहीं बचा था। वह just a metal piece था।एक दिन, doorbell बजी। दरवाज़े पर एक young delivery boy खड़ा था, एक parcel लिए हुए। "मैडम,आर्यन सर का parcel है।"नाम सुनकर अवनी की साँस थम गई। "क...कौन?" "आर्यन सर।उन्होंने एक साल पहले ही इस parcel को schedule किया था। निर्देश था कि आज के दिन exactly 5 बजे deliver किया जाए।"काँपते हाथों से अवनी ने parcel लिया। उसे खोला तो उसमें एक letter और एक new, upgraded version of that time bracelet था।letter पढ़ना शुरू किया तो आर्यन की handwriting थी।"प्रिय अवनी, अगर तुम यह पढ़ रही हो, तो इसका मतलब है कि मेरा plan work कर गया। और शायद इसका मतलब यह भी है कि मैं अब नहीं हूँ।उस दिन café में, जब तुमने मुझे future की कहानी सुनाई, मैंने सिर्फ़ एक चीज़ नहीं बताई। मैंने अपने device में एक data sync feature add किया था। जब भी तुम past में आती थीं, तुम्हारे device का सारा data – तुम्हारी memories, तुम्हारे emotions – मेरे server में upload हो जाता था। मैंने future में होने वाली हर घटना के बारे में जान लिया था।मैं जानता था कि चोर bike चुराएगा। मैं जानता था कि वह car आएगी।पर मैं यह भी जानता था कि अगर मैं उस दिन नहीं मरता, तो तुम्हारा future alter हो जाता। तुम शायद कभी time travel नहीं करती, और शायद हम कभी मिलते ही नहीं। हमारा प्यार कभी exist ही नहीं करता। और यह मैं नहीं होने दे सकता था।मैंने एक choice की। एक ऐसी दुनिया में रहने के बजाय जहाँ मैं तो हूँ पर तुम्हारा मुझसे प्यार नहीं है, मैंने वो दुनिया चुनी जहाँ तुम हो और मेरा प्यार तुम्हारे दिल में हमेशा जिंदा रहेगा।मेरी मौत को accident मत समझना, एवी। यह मेरा तुम्हें दिया हुआ एक तोहफा था। हमारे प्यार को save करने का एक तरीका।और हाँ, इस new device में enough power है for one last journey. Not to change the past, but to see something. 20 November 2024, rooftop café, 11:29 PM. Set the coordinates.हमेशा तुम्हारा, आर्यन"अवनी की आँखों से आँसुओं की बाढ़ आ गई। उसने नया device पहना और coordinates set किए। Blue flash हुई।वह उसी rooftop café में खड़ी थी, invisible, like a ghost from the future. उसने खुद को और आर्यन को वहाँ बैठे देखा। उसने phone call आते देखा। उसने आर्यन को phone decline करते देखा। और फिर... उसने देखा कि आर्यन ने खुद अपनी bike का ignition switch on किया और उस चोर को इशारा किया। उसने खुद ही उस दुर्घटना को orchestrate किया था।यह कोई accident नहीं थी। यह एक sacrifice था। उसकी ज़िंदगी के बदले में, उनके प्यार को अमर करने का एक sacrifice।Time वापस आ गया। अवनी अपने कमरे में वापस थी। उसके दिल में दर्द था, पर उस दर्द के साथ एक अनोखी शांति भी थी। आर्यन ने उसे सिर्फ़ यादों का नहीं, बल्कि यह एहसास दिया था कि true love सिर्फ़ साथ रहने का नाम नहीं, बल्कि साथ न रहकर भी हमेशा जीवित रहने का नाम है।उसने खिड़की से बाहर आकाश की तरफ देखा। एक तारा टिमटिमाया। अवनी मुस्कुराई। आर्यन अब सिर्फ़ एक memory नहीं था। वह एक promise था। time और मौत से भी बड़े एक प्यार की promise।(ख़ास कैमियो: आख़िरी दृश्य में, rooftop café के एक कोने में एक mysterious व्यक्ति बैठा अवनी और आर्यन को देख रहा है। वह एक notebook में कुछ notes ले रहा है। जब अवनी (भविष्य वाली) गायब होती है, तो वह व्यक्ति मुस्कुराता है और अपने walkie-talkie पर बोलता है, "Project Kāl (Time) successful. The subject's sacrifice has confirmed that love is a constant, beyond any temporal paradox." camera zoom करता है उसके face पर। वह आकाश वानी (Akshay Wani) है, एक temporal agent from even further future, जिसने आर्यन के device के prototype को 2020 में भेजा था, यह जानते हुए कि इससे क्या होगा। वह गायब हो जाता है, जैसे कभी था ही नहीं।)---

Of course. Here is a complete, original story in Hindi based on the themes of love, loss, and time, written in a contemporary style.

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वह स्पेशल कैमियो (The Special Cameo)

"कट! कट! कट! ये क्या कर रहे हो आप, ऋषभ सर?"

निर्देशक का चीखता हुआ स्वर पूरे सेट पर गूंजा। ऋषभ ने अपनी मुट्ठी बांधी, जो अभी-अभी प्रोप टेबल को तोड़ने के लिए उठी थी। उसकी आँखों में एक गहरा, अनजाना क्रोध था।

"सॉरी, सुदीप। मन नहीं लग रहा है। पांच मिनट का ब्रेक लेता हूं।"

वह बिना किसी से आँख मिलाए सेट से बाहर निकल गया। मुंबई की गर्मी और भीषण लग रही थी। वह एक सुपरस्टार था, लेकिन आज उसकी आत्मा में एक छोटा सा, टूटा हुआ बच्चा बैठा था जो बार-बार एक ही सवाल पूछ रहा था – "क्यों?"

आज तारीख थी 17 सितंबर। आवी का जन्मदिन।

पांच साल हो गए थे उस दुर्घटना को, जिसने उसके सब कुछ को छीन लिया था। पांच साल से वह इस दिन को एक काले कोहरे की तरह जीता था, बस गुजर जाने की प्रतीक्षा में।

वह अपने ड्रेसिंग रूम में जाकर बैठ गया। फोन में पुरानी तस्वीरें निकालीं। आवी की हंसी, उसकी शरारत भरी आँखें... एक आंसू उसके गाल पर लुढ़क गया। तभी, उसका फोन वाइब्रेट हुआ। एक अजनबी नंबर। उसने रिजेक्ट कर दिया। फोन फिर बजा। किसी जिद्दी की तरह।

"हैलो?" ऋषभ ने चिड़चिड़ाहट से कहा।

"ऋषभ मल्होत्रा?" फोन के दूसरी तरफ एक सुरीली, परिचित सी आवाज़ थी।

"हाँ, बोलिए। आप कौन?"

"मैं... मैं एक फैन हूं। मैंने आपकी सभी फिल्में देखी हैं। मैं जानती हूं आज आपका मन नहीं है। मैं... मैं आपसे मिलना चाहती हूं। बस पांच मिनट।"

"मैडम, मैं स्टूडियो में हूं। ये मुमकिन नहीं..." ऋषभ ने कहा।

"मैं गेट के बाहर हूं। आपके गार्ड को मेरा नाम बता दीजिए – आवंतिका।"

नाम सुनते ही ऋषभ की सांस थम सी गई। आवंतिका... आवी का पूरा नाम। यह कोई संयोग नहीं हो सकता। उसके मन में एक अजीब सी उत्सुकता जागी।

"ठीक है। आ जाइए," कहकर उसने फोन काट दिया।

कुछ ही मिनटों में ड्रेसिंग रूम का दरवाज़ा खटखटाया गया। एक युवती अंदर आई। लगभग पच्चीस-छब्बीस साल की। साधारण से कपड़े, लेकिन चेहरे पर एक अद्भुत तेज था। और उसकी आँखें... वो आँखें ऋषभ को किसी गहरी याद से जुड़ी लगीं।

"आप..." ऋषभ ने कहना शुरू किया।

"मैं जानती हूं आज आवी मैम का जन्मदिन है," लड़की ने सीधे कहा। "और मैं जानती हूं कि आप पांच साल से उस दिन को बदलना चाहते हैं।"

ऋषभ चौंक गया। यह बात तो उसने किसी से कभी साझा भी नहीं की थी। "आपको ये सब कैसे पता? आप कौन हो?"

लड़की ने अपने बैग से एक पुराना सा, हाथ से बना ग्रीटिंग कार्ड निकाला। वह कार्ड ऋषभ ने आवी को उनकी पहली सालगिरह पर दिया था। उस पर लिखा था – "हर जन्म, हर जनम तुम मेरे साथ रहोगी। तुम्हारा ऋषभ।"

"ये... ये तुम्हें कहाँ मिला?" ऋषभ की आवाज़ कांप उठी।

"मैम ने दिया था। मुझे। उन्होंने कहा था कि एक दिन तुम्हें इसे दिखाना है।"

"तुम पागल हो। आवी... वो गुजर चुकी है। पांच साल हो गए," ऋषभ ने दर्द से कहा।

"नहीं," लड़की ने दृढ़ता से कहा, "वो नहीं गई। वो बस... अटक गई है। और आप ही उन्हें वापस ला सकते हैं।"

लड़की ने समझाया। वह एक रिसर्च साइंटिस्ट थी, एक गुप्त प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी जो टाइम-मैनिपुलेशन से जुड़ा था। एक "टेम्पोरल विंडो" जो सिर्फ कुछ ही मिनटों के लिए खुल सकती थी, और सिर्फ एक ही बार। उनकी कैलकुलेशन के मुताबिक, वह विंडो आज रात नौ बजकर बयालीस मिनट पर खुलेगी, ठीक उसी समय और तारीख पर जब पांच साल पहले वह दुर्घटना हुई थी।

"यह असंभव है," ऋषभ ने कहा, लेकिन उसकी आँखों में एक चिंगारी सी दौड़ गई थी। आशा की।

"आपके पास बस एक मौका है, ऋषभ सर। आपको उस एक मिनट में उनके गाड़ी चलाने के रास्ते में आने से पहले, उन्हें फोन करके रोकना होगा। बस इतना ही। वो ज़िंदा रहेंगी।"

ऋषभ ने देखा, उस लड़की की आवाज़ में एक अविश्वसनीय ईमानदारी थी। वह जोखिम उठाने को तैयार हो गया।

रात के नौ बजने वाले थे। ऋषभ उस लड़की – आवंतिका – के साथ एक छोटे से, हाई-टेक लैब में खड़ा था। बीच में एक विशाल मशीन थी, जिसके सामने एक स्क्रीन चमक रही थी।

"तैयार रहिए," आवंतिका ने कहा, "आपके पास सिर्फ साठ सेकंड होंगे। जैसे ही विंडो खुलेगी, आप फोन डायल करिए। नंबर आपको याद है ना?"

ऋषभ ने हाँ में सिर हिलाया। वह नंबर उसके दिल पर अंकित था।

स्क्रीन पर नंबर गिने जाने लगे। 9:41:00... 9:41:30...

ऋषभ का दिल जोरों से धड़क रहा था। स्क्रीन पर एक तेज रोशनी चमकी और एक चैनल खुल गया। उसने तेजी से उस पुराने फोन पर नंबर डायल किए, जो आवंतिका ने दिया था। एक रिंग... दो रिंग...

"हैलो?" फोन के दूसरी तरफ आवी की आवाज़ आई। वही मधुर, जीवंत आवाज़। ऋषभ की सांस रुक सी गई।

"आवी! ठहर जाओ! रुक जाओ!" ऋषभ चिल्लाया।

"ऋषभ? तुम? पर मैं तो अभी मीटिंग से निकली हूं, घर की तरफ जा रही हूं। तुम्हारी आवाज़ में इतनी घबराहट क्यों है?"

"प्लीज आवी, मेरी बात मानो। अभी गाड़ी रोक कर साइड में खड़ी कर दो। तुमपर एक ट्रक आ रहा है! ठहर जाओ!" उसकी आवाज़ में जानलेवा गंभीरता थी।

"ठीक... ठीक है," आवी ने कहा। ऋषभ ने गाड़ी रुकने की आवाज़ सुनी।

"हो गया! बच गई!" ऋषभ ने राहत की सांस ली।

तभी स्क्रीन पर एक तेज चमकीली रोशनी फटी और सब कुछ कालेपन में तब्दील हो गया। ऋषभ को एक तेज झटका लगा और वह बेहोश हो गया।

जब उसकी आँखें खुलीं, तो वह अपने बेडरूम में था। सुबह का उजाला हो रहा था। सब कुछ सामान्य लग रहा था। क्या सब एक सपना था?

उसने कंपन करते हाथों से अपना फोन उठाया। उसने सबसे पहले आवी का नंबर डायल किया। फोन बजता रहा, कोई जवाब नहीं दिया। उसका दिल टूटने लगा। शायद यह सच नहीं था। शायद वह पागल हो गया था।

तभी, दरवाज़े की घंटी बजी।

वह दौड़कर दरवाज़े तक गया। दरवाजा खोलते ही, वह स्तब्ध रह गया।

सामने आवी खड़ी थी। जीवित, सुरक्षित, और हंसती हुई। उसके हाथ में दो कप गर्म चाय थी।

"सुप्रभात, स्लीपीहेड। तुम्हें कब से फोन कर रही हूं। तुमने कल रात फोन पर इतना डरा दिया, मैं सारी रात सो ही नहीं पाई। सोचा सीधे तुम्हारे पास आकर चाय पीती हूं।"

ऋषभ ने उसे जोर से गले लगा लिया। उसकी आँखों से आंसुओं की बाढ़ सी आ गई। वह सच था। उसने उसे बचा लिया था।

"पर... पर तुम... पांच साल..." वह बुदबुदाया।

"क्या पांच साल? ऋषभ, तुम सच में ठीक हो? कल ही तो हमारी पहली सालगिरह थी। तुमने मुझे वो कार्ड दिया था ना, 'हर जन्म, हर जनम' वाला। मैं तो उसे देखते ही देखते भावुक हो गई और सुबह तुमसे मिलने चली आई।"

ऋषभ हैरान था। टाइमलाइन बदल गई थी। उसके लिए पांच साल का दुख था, लेकिन आवी के लिए बस एक रात बीती थी। उसने उसे खोया ही नहीं था।

वह उसे अंदर ले आया। खुशी से चकित था। फिर उसे याद आया – आवंतिका। उस लड़की ने ही ये संभव कर दिया था।

"आवी, एक बात बताओ... तुम्हारा पूरा नाम आवंतिका है ना?"

आवी ने मुस्कुराते हुए हाँ में सिर हिलाया, "हाँ, पर तुम तो मुझे हमेशा आवी ही बुलाते हो। क्यों पूछ रहे हो?"

"कुछ नहीं," ऋषभ ने कहा, एक रहस्यमय मुस्कान के साथ। उसने समझ लिया था। आवंतिका ने जो ग्रीटिंग कार्ड दिखाया था, वह आवी ने ही उसे दिया था। वह लड़की... कोई और नहीं, बल्कि भविष्य की उनकी बेटी थी। उसने अपनी माँ को बचाने के लिए, अपने पिता की मदद की थी। वह स्पेशल कैमियो कोई एक्टर नहीं, बल्कि उनके अपने खून का एक टुकड़ा था, जो समय की धारा को पार करके आया था ताकि उनकी कहानी का अंत बदल सके।

बाहर बारिश शुरू हो गई। ऋषभ ने आवी का हाथ थामा। उसे लगा जैसे उसने सिर्फ आवी को ही नहीं, बल्कि अपने सभी आने वाले कलों को बचा लिया था। और इस बार, वह उसे हाथ से जाने नहीं देगा। हर जनम की कसम खाकर।

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